दिल्ली एयरपोर्ट(Airport) पर कैब ठगी का पर्दाफाश, महिला यात्री से वसूले 4170 रुपये!
नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक महिला यात्री से मात्र 8 किलोमीटर की यात्रा के लिए 4170 रुपये वसूले गए। यह ठगी एयरपोर्ट(Airport) पर सक्रिय एक कैब रैकेट के जरिए की गई, जिसमें एक एयरपोर्ट कर्मचारी भी शामिल था।
दिल्ली पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच की, जिसके बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना ने एयरपोर्ट(Airport) पर यात्री सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुई ठगी?
महिला यात्री दिल्ली एयरपोर्ट(Airport) पर एक फ्लाइट पकड़ने के लिए पहुंची थीं, लेकिन गलत टर्मिनल पर उतरने के कारण उन्हें एक अन्य टर्मिनल तक जाना था। इस दौरान एक एयरपोर्ट(Airport) कर्मचारी शुभम शर्मा ने उन्हें मदद की पेशकश की और कहा कि जल्दी कैब नहीं ली तो उनकी फ्लाइट छूट सकती है।
शुभम ने अपने साथी लकी से संपर्क किया, जो पहले से ही इस ठगी के रैकेट में शामिल था। लकी ने महिला के लिए एक कैब बुक करवाई, जो केवल 8 किलोमीटर की यात्रा के लिए 4170 रुपये चार्ज कर रही थी।
जल्दबाजी में महिला ने बिना सोचे-समझे किराया चुका दिया, लेकिन जब उन्होंने बाद में इसकी तुलना सामान्य टैक्सी किराए से की, तो उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।पुलिस जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी
महिला की शिकायत पर डोमेस्टिक एयरपोर्ट थाना में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कैब के रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से इस ठगी के रैकेट की जांच शुरू की।
जांच में पता चला कि यह रैकेट लंबे समय से एयरपोर्ट पर सक्रिय था और यात्रियों को गुमराह कर उनसे मनमाना किराया वसूलता था। पुलिस ने शुभम शर्मा, लकी और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
जांच में सामने आए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- शुभम शर्मा एयरपोर्ट कर्मचारी था और इस ठगी में शामिल था।
- लकी और उसका एक अन्य साथी यात्रियों से अधिक किराया वसूलने के लिए एयरपोर्ट पर नजर रखते थे।
- इस गिरोह ने कई अन्य यात्रियों को भी इसी तरह ठगा था।
कैसे काम करता था यह ठगी रैकेट?
दिल्ली एयरपोर्ट पर इस कैब ठगी रैकेट का तरीका बेहद शातिर था।
- गलत जानकारी देना: यात्रियों को गलत टर्मिनल की जानकारी देकर उन्हें भ्रमित किया जाता था।
- जल्दबाजी का फायदा उठाना: यात्रियों को यह कहकर डराया जाता था कि अगर वे जल्दी कैब नहीं लेते, तो उनकी फ्लाइट छूट जाएगी।
- मनमाना किराया वसूली: कैब ड्राइवर यात्रियों से असामान्य रूप से अधिक किराया वसूलते थे, जो सामान्य से कई गुना ज्यादा होता था।
- एयरपोर्ट कर्मियों की मिलीभगत: रैकेट को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ एयरपोर्ट कर्मचारी भी इसमें शामिल थे।
यात्रियों के लिए सतर्कता के सुझाव
दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों को ठगी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए:
✅ ऑनलाइन कैब बुक करें: ओला, उबर या अन्य प्रमाणित कैब सेवाओं का उपयोग करें।
✅ सरकारी टैक्सी बूथ से कैब लें: एयरपोर्ट पर अधिकृत टैक्सी सेवा काउंटर से कैब बुक करें।
✅ किराए की जांच करें: एयरपोर्ट से गंतव्य तक का अनुमानित किराया पहले ही जांच लें।
✅ रसीद मांगें: कोई भी भुगतान करने से पहले रसीद अवश्य लें।
क्या एयरपोर्ट प्रशासन करेगा कोई कार्रवाई?
इस घटना के बाद एयरपोर्ट प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा और ठगी से बचाव के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
- एयरपोर्ट पर सख्त निगरानी बढ़ाने की मांग की जा रही है।
- कैब सेवाओं पर नियंत्रण और किराए की पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी।
- यात्रियों को ठगी के संभावित तरीकों की जानकारी दी जानी चाहिए।
निष्कर्ष
दिल्ली एयरपोर्ट पर ठगी का यह मामला यात्रियों के लिए एक चेतावनी है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत करें।
अगर पुलिस और प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेते, तो यह रैकेट आगे भी कई यात्रियों को शिकार बना सकता है। अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या यह एयरपोर्ट पर ठगी के मामलों को रोकने में मददगार साबित होगा या नहीं।
🚨 अगर आपको भी एयरपोर्ट पर किसी ठगी का सामना करना पड़ा है, तो नीचे कमेंट में अपने अनुभव साझा करें!
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