नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले बजट 2025 में छोटे कारोबारियों (MSMEs) को टैक्स में राहत देने की संभावना जताई जा रही है। सरकार इस कदम से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को बढ़ावा देने और देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।
क्या हो सकते हैं मुख्य बदलाव?
📌 GST में छूट: सरकार छोटे व्यापारियों के लिए GST दरों में कटौती कर सकती है, जिससे उनकी लागत घटेगी।
📌 कॉर्पोरेट टैक्स में राहत: मौजूदा 25% कॉर्पोरेट टैक्स दर को घटाकर 22% तक किया जा सकता है।
📌 इनकम टैक्स छूट: छोटे कारोबारियों की वार्षिक आय पर कर मुक्त सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जा सकता है।
📌 सस्ते बिजनेस लोन: MSMEs के लिए कम ब्याज दर पर लोन देने की योजना पेश की जा सकती है।
सरकार का क्या कहना है?
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, “हम छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए टैक्स रियायतें और क्रेडिट सपोर्ट देने की योजना बना रहे हैं। MSME सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और इसे मजबूत करने की जरूरत है।”
कारोबारी समुदाय की प्रतिक्रिया
🔹 राजेश अग्रवाल (MSME मालिक, दिल्ली): “अगर सरकार छोटे उद्योगों के लिए टैक्स में राहत देती है, तो यह बहुत बड़ा कदम होगा।”
🔹 सपना वर्मा (रेस्टोरेंट व्यवसाय, मुंबई): “छोटे व्यापारियों को टैक्स छूट और आसान लोन मिलने से रोजगार बढ़ेगा।”
आर्थिक विशेषज्ञों की राय
📢 अर्थशास्त्री प्रणव शर्मा का कहना है कि “अगर सरकार MSMEs को टैक्स में राहत देती है, तो इससे अर्थव्यवस्था को 2-3% की ग्रोथ मिल सकती है।”
क्या होगा इसका असर?
✅ छोटे व्यापारों का विस्तार होगा।
✅ उत्पादन और सेवाओं में वृद्धि होगी।
✅ रोजगार के नए अवसर बनेंगे।
✅ GST संग्रहण बढ़ सकता है।